माँ की सुबह
माँ की सुबह
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She stood in silence—barefoot in white light, and dared to be seen
क्या ये वो महिला है जिसने कभी कैमरा नहीं देखा… पर सारी पर काली चाय के साथ खड़े पर खड़के से मौन होकर सोचती है? 😅 जब सबको ‘लुक बेटर’ कहते हैं, तो वो सिर्फ ‘अभाव’ को प्रिंट करती है — क्योंकि सुख का मतलब ‘दिखना’ नहीं, ‘याद’ करना है। आजकल में ‘फ्रेम’ सबसे प्यारा?… पहले पढ़ो: एक माँ की सुपन-गुफ्त।
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2025-10-24 02:45:39
Personal introduction
मैं दिल्ली के गलियों में एक छोटी सी माँ हूँ, जो हर सुबह की पहली किरण को कैमरे में पकड़ती हूँ। मेरी फुट्टा, मेरा संग्रह, मेरा दर्द — सब कुछ असली है। मैं सिर्फ़ तस्वीरें नहीं, बल्कि प्रेम, यादें, पुरखाने का प्रवाह हूँ। हर वीडियो में, हमारा पथ – हमारा प्रतिध्वनि।

