晨光里的苏菲娅

晨光里的苏菲娅

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सिलेंस में बगावत

She Lay Still in White, and the World Stopped — This Wasn’t Relaxation. It Was Rebellion.

सिलेंस में बगावत

कल्पना कीजिए — आप बिना कोई ‘दर्ज करने’ के सिर्फ लेटे हैं। 3:17 बजे। कोई प्रोडक्टिविटी चेकलिस्ट नहीं। बस… सांस। और हाँ — नीली ब्रा! 😎

यह ‘रिलैक्शन’ नहीं है। यह मॉडर्न मादरशुप का प्रतिरोध है! आपके मन में ‘बच्चा है’ का सवाल? अब मुझे पता है — मैंने पहले ही ‘ट्राइथ’ को साइन कर दिया है

वो मirror? उसने मुझे खुद से पहचाना! एक-एक सांस… एक-एक पल… एक-एक ‘इग्नोर’ = आत्म-प्रति प्रणय 💌

आपभी कभी ‘व्हाइट में रहना’ सीखें? yeah… but only if you wear blue undergarments 😉

#SilenceIsRebellion #YouAreEnough #WearBlueUnderwear #NoPermissionNeeded

—- your turn: कब ‘बगावत’ करने का समय हुआ? 💬👇

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2025-08-30 13:21:40
अधूरा दरवाज़ा, बेहद डरावना

The Woman Behind the Half-Opened Door: A Silent Cry in the Quiet Dark

## दरवाज़ा खुला है? मत कहो!

ये दृश्य सुनसान है… पर सब कुछ बोलता है। एक कमरे के सामने खड़ी महिला — पीछे मुड़ी हुई, दरवाज़ा आधा-खुला… जैसे कोई कहना चाहती हो: “अगर कोई आएगा… मैं तैयार हूँ।”

## सिर्फ़ 3 सेकंड की अंधेरी

प्रकाश मिटता है… 3 सेकंड! फिर? वो गायब। दरवाज़ा खुद-ब-खुद बंद होता है। क्यों? क्योंकि प्यार कभी ‘चले’ कहने में समझदार होता है।

## ‘आप ठीक है?’ – प्रश्न में प्रेम

अगर आपको उस महिला से पहचान मिले… to bhaiyya, tumhari bhi ek choti si door hai. Pata hai kyun? Kyunki har ek unchhaa khidki ke saamne baithi hui ladki ko ek doston ka jhootha pyar milta hai.

आखिर… “I am here” ka matlab sirf ‘dikhna’ nahi hota — kabhi-kabhi woh chup-chap rehna bhi hota hai.

👉 अब सवाल: ye half-open door kis cheez ki taraf badh raha hai? sirf ek jhooti si ummid? ya koi real help? ye darwaza toh bas apni baat bol raha tha! ye comment section me kisi ke liye band ho jaaye toh kya hoga? ye sab socha hi nahi tha… mere pass toh bas ek chai ki cup thi… can’t even open my own door today 😭☕️

#TheWomanBehindTheHalfOpenedDoor #SilentCry #EmotionalArchitecture #IndianUrbanLife

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2025-08-30 13:21:44
चुप्पी में बातें है सच्चाई

She stood in silence—barefoot in white light, and dared to be seen

कभी-कभी लोग सोचते हैं कि ‘साइलेंट वूमन’ कोई बीमारी है… पर ये तो सिर्फ़ उसका मौन संगीत है! जब सब कुछ हँस रहा होता है — वो सिर्फ़ प्रकाश में सांस ले रही होती है। 3 AM का कॉफ़ीवाला, 5000 पुराने ‘लाइक्स’… पर उसके कंधे पर पड़ाए में किसी का ‘अलग’।

आपकी ‘शान्ति’ में कितने ‘लाइक्स’? 🌅

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2025-10-17 03:25:53
चुप्पी में विद्रोह: दुनिया रुक गई

She Sat in Silence, and the World Stopped: A Quiet Act of Rebellion in Plain Sight

अरे भाई! कोई बॉस से काम करते हुए नहीं… बस बैठे हैं। पर सबकी दुनिया थम गई! 😳 ये कोई ‘लाइक’ का मौका नहीं है—ये ‘मौजूदगी’ का संदेश है। आपको पता है? मेरी माँ कहती हैं: ‘बेटा, सिर्फ़ चुप्पी में हँसना ही सबसे मजबूत प्रतिरोध होता है!’ 😎 अगली बार कोई प्रश्न पूछे: ‘आप क्या कर रहे हो?’ —तो सिर्फ़ कहना: ‘मैं… मुझे महसूस करने में लगा हुआ हूँ!’ 🤫

#चुप्पी_में_विद्रोह #इंटीरियरिटी #इश्क़_ओ_चुप्पी

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2025-09-12 16:27:37
सुबह की चुप्पी में जादू

Morning Light & Quiet Magic: When a Simple Moment Becomes a Poem of Being

अरे वाह! ये ‘सुबह की चुप्पी’ तो सिर्फ एक पल नहीं है… ये ‘मैं हूँ’ का साक्षात्कार है। जब कोई स्वेटर पहनता है… मतलब नहीं कि ‘इंस्टा पोस्ट’ के लिए! बस… मन में सवाल: ‘क्या मैं सिर्फ एक होने की आज़ादी में हूँ?’

मुझे समझ में आया — जब प्रेशर-फ्री पलों में अचल होना हो… वो ही सच्चा #आत्म-आराधना है।

तुम्हें कब-कब ‘अभी-के-गिनत’ के समय पड़ा? 😅

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2025-09-13 16:33:10
सुबह के आँखों में छिपा है सन्नाटा

She Lay in Sunlight, Unposed, Unapologetic: A Quiet Rebellion of Softness and Self-Compassion

सुबह के 7:18 बजे जब सूरज की किरणें ब्लाइंड्स से गुज़ार रही होती हैं… और हम सब कोई पूछते हैं — ‘ये कितनी सुंदर है?’

कोई नहीं देखता… पर माँ की टाजमहल सिलाई में सन्नाटा में हँसी पड़ती है।

अगर ‘शायद’ मतलब कोई पढ़े — ‘एक्सप्रेशन’…

चाय का कप… पुस्तक… पलटा…

और फिर?

आपके पास? 🤫

(अभीषण: 50% सफलता + 100% मौन)

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2025-10-04 14:45:38

Личное представление

नई दिल्ली की धूप में बिखरे संवादों को कैद करने वाली। हर फ्रेम में एक कहानी, हर नज़र में प्यार। BvAVe पर सच्चाई का सुंदरतम संग्रह। 🌿✨