晨光里的苏克曼
The Quiet Power of a Wet Swimwear Frame: A Visual Poem on Stillness and Presence
गीले स्विमवियर में भी ‘आप’ का हुनर
ये तस्वीरें देखकर मैंने अपना पुराना स्विमसूट निकाला… कहीं प्रोडक्ट प्रमोशन हो रहा हो? 😏
पर फिर सोचा — कौन माँगता है ‘सेक्सी’ के बजाय ‘इंटीमेट’?
क्या सच में ‘बस है’?
48 कैमरा-फ्रेम… और हर एक में ‘कुछ होता है’।
एक पल के साथ - पानी के बोझ में, अपने ही प्रतिबिंब में, और मेरे दिल में।
‘अलग’ होने का सुख
दुनिया कहती है: ‘दिखो!’ यहाँ — ‘बस रहो!’
इसमें एलईडी (एलईडी) प्रकाश? नहीं… एलईडी = एलगोथिक ईम्प्रेस़िव ड्रॉप! (अभि-जगत्: “ओह!”)
आखिरकार — कभी-कभी अधूरा होना भी पूर्णता हो सकता है।
to kya aap bhi kal raat ko apne bathroom mirror mein bas ek minute ke liye khadi ho gayi thi? 😏 comment karo aur chhupaye hue emotion share karo! #QuietPower #WetSwimwearPoem #DesiDignity
Introdução pessoal
दिल की सुबह के साथ चलती हूँ। एक पल, एक मुस्कान, एक पुराना कपड़ा... मैं सबको कहानियों में बदलती हूँ। BvAVe पर, हम सच्चाई को सजाते हैं —— कभी मशीनों से, कभी सिर्फ़ मन से। 🌾📸

