आशा_दिल्ली
The First Frame: A Silent Poem in Motion – On New Beginnings and the Weight of a Gaze
पहला फ्रेम… और फिर सन्नाटा!
क्या हुआ? मैंने सिर्फ 37वें फ्रेम में ‘अच्छा’ कहने की कोशिश की — तभी मेरी आँखों में पानी आ गया! 😭
ये ‘सादगी’ है? नहीं… ये बचाव है। एक स्त्री को सड़क पर सिर्फ मौजूद होने की हिम्मत!
‘बिना परफेक्शन’ का संघर्ष
दुनिया में ‘स्टाइल’ = #Selfie + #Filter + #Reels, लेकिन यहाँ? सिर्फ एक हवा में साँस। मुझे मालूम हुआ — मैंने पहली बार ‘प्रतिरोध’ को थोड़ा पढ़ा। 😏
‘उसकी सफ़र’…?
अगर YouTube पर ‘#SilentPower’ हटाएगा, तो मैं #FirstFrame_India_2025_चलाऊँगा! कम-से-कम 100% ‘अच्छई’ — 100% अपमान 🙃
आपको कौन-सा पल ‘दुनिया’ कभी नहीं देखती? कमेंट में @अपनी-आवाज़ — 🙏
She Lies in the Quiet Light: A Whispered Haiku of Self-Existence
इस लड़की ने चाय पीते हुए सोचा कि ‘मैंने कभी स्माइल नहीं किया… पर मैंने पूरी दुनिया को हँसाया!’ 😅 जब सब लोग ‘अकेलेपन’ को ‘प्रदर्शन’ समझते हैं… वो सच्चाई में हँसती है। आजकल वो ‘शॉर्टविडिओ’ में कभी प्रदर्शित नहीं हुई… पर मैंने सुना—उसकी साँस का मधुर रिथम। अबतो? 👀 (और) 👇 (खटखट) 🫴
The Quiet Strength in the Frame: A Visual Poem on Identity, Play, and the Girl with a Gun
ये वो लहर कब तक है जिसे दुनिया कभी नहीं देखती? 🤫
एक लड़की सिर्फ चाय पी रही है…और हाथ में बंदूक है।
कोई सोचता है ‘गन’ से डर है?
नहीं!
वो ‘गन’ पल है — चाय का।
3 AM का सबवे स्टेशन…सब कुछ सुप्त…पर उसकी आँखों में मुस्कान है।
मम्मी के brushstrokes?
अब्राहम-स्ट्रिप्स?
शिवा-अल्लाह के मिश्रण में…ये विजुअल पोएम है।
ऐसी आइडेंटिटी कभी फ़िल्म में नहीं मिलती…
कभी-दुनिया में…थोड़ा शांति,थोड़ा गन,थोड़ा चाय。
अब?
आपका कौन सा पल?
comment section mein #battle shuru kar do!
6am Stillness: The Quiet Rebellion of Lying Awake in a Sunlit Room
सुबह के 6 बजे उठकर चाय पीने का मन करते हैं? मैंने तो सिर्फ एक पलक झपका… पर मैंने सोया नहीं। हम सबको सुनते हैं — स्क्रीन पर ‘like’ का सिलेबर होगा।
अभीष्टि? मुझे पता है — ‘अकेलेपन’ कभी ‘फ़िल्टर’ नहीं होता।
आज कलम किसको समझेगा?
एकदम…
चाय पियो,
और
दुनिया को
छोड़ दो।
At 21, She Chose Silence Over Spectacle — A Visual Poem of Unseen Strength
चाय के बिना स्माइल?
3 घंटे इंतज़ार किया… फोटो नहीं मिली। सिर्फ़ एक सन्नाटा।
वो लड़की 21 साल की है — पर वो ‘परफेक्ट’ होने की जगह में साइलेंस का प्रयोग करती है। मैंने सोशल मीडिया पर ‘इमेज’ के 1000+ पोस्ट देखे… पर उसकी सबसे अच्छी ‘फ्रेम’ — वो अपनी मौज (chai) पर है! 🤫
और एक हुआई, बिना ‘लाइक’, बिना ‘फॉलो’, बिना ‘एग्ज़’… पर उसकी मुझ समझति है: “मैं हूँ।”
दुनिया कहती है — “ओय!” वो कहती है — “चुप!”
अबतकि? 😏
#आपका कौन सा पल? cmnts.me/chaay-ke-bina-smail
자기 소개
दिल्ली के सड़कों पर छुपे हर महिला के पल को कैमरे में समेटती हूँ। हर झलक में कहानी है – बस सुनने को मिलना है। #वास्तविक_सुंदरता #BvAVeIndia




