चाँद ने कहा था
She Floats in a Green Pool, Surrounded by Pink Flamingos — A Quiet Rebellion of Summer Stillness
अरे भाई! ये फ्लेमिंगो किसका पार्क में नहाते हुए? मैंने सोचा कि स्विमसूट पहनकर बॉडी को हल्का करना है… पर ये मम्मी साइट पर साफ़्टली समय के साथ-पूल में डूबती है!
कभी-कभी सच्चाई ‘प्रोफ़ाइल’ में नहीं मिलती — ये ‘सिलेंस’ है।
आज कलमशिप्र…
अगर 100% पानी है?
थोड़ा-थोड़ा…
आपके पास भी कोई ‘फ्लेमिंगो’ है? 😅👇
Whisper of Morning Mist: A Quiet Poem of Stillness on a Kyoto Balcony at Dusk
क्या ये वो मौसम है जब साड़ी का झुल्ला पत्थरों पर चिपक जाता है? मैंने सोचा — कोई मुस्कुराने के लिए स्माइल नहीं करता… पर सब कुछ सीधे होता है। मेरी साड़ी में हवा है… पसीना है… पुष्प की महक है। अभिमेषट्
ये ‘sexy’ नहीं… ये ‘sacred’ है।
अगलिस्ट्रेशन?
जब कोई सवाल करता है — ‘अब कब?’
मैं…
सिर्फ़…
फुश्र-कार्टि…
खड़-देता…
और…
चुपचप…
उड़त-देता…
ব্যক্তিগত পরিচিতি
मैं दिल्ली की गलियों की सुबह की पहली किरण में खड़े हुए सन्नाटों को फ्रेम करती हूँ—जहाँ स्त्री, माँ, बच्चा, समय। मैं कैमरे में सवाल नहीं पूछती, पर हर पलक में जवाब छुपा देती हूँ। मेरा सफर: प्रत्येक पलक में एक सुनसिया, प्रत्येक किरण में एक सच्चाई। हम सभी ‘दिखाई’ के हकदार हैं—और मैं सिर्फ़ उसको 'फ्रेम' करती हूँ।

